वकत

वकत की सब औकात है, वकल यदि साथ है तो कया बात है।। वकत यदि बुरा है, तो एक मसबरा है।। खामोश होकर करे काम ,वकत पर ना लगाये इलजाम।। वकत का इतजार करे अचछा वकत आयेगा। वकत वकत की बात है।

मेरी दिलली यातरा

मै जीवन मे लमबे सफर मे रहा हूं,और तमाम बार दिलली की यातरा की है, यू तो जयादा तर वोलवो बस का सफर रहा है, फिर भी कभी कभी साधारण बस का सफर भी किया है,वोलवो के डराइबर कुछ हद तक सभयता पर रहते है, लेकिन साधारण बस के नही। उनका वयौहार कुछ अलग कयो होता है, यह हमारी खोज का बिषय भी रहा है।। उनका वयौहार ऐसा इस लिऐ भी है सकता है,शायद वह जयादा तर सफर मे रहते है, हो सकता यह कारण भी हो। मेरा यह स़ोचना है, जब कोई अपने परिवार से अलग होता है, तो उसका सवभाव चिडचिडा हो सकता है।।

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मां की बात

बेटा अब मै तुमसे 22 जनवरी को तब मिलूगी, जब तुम इस दुनियां से जा चुके होगें, यह घडियां हमारे लिऐ मौत से कम नही होगीं, और तुम………………… बेटा मां हूं , और मां तो मां है। मै तो सोचती रही तुम नेकी की राह पर हो मगर कया पता था तुम इस राह पर निकल गये, अब मै उस मोड पर आ खडी हूं, तुमहे माफ करू तो कैसे करू, शायद माफ कर भी नही सकती। इस लिऐ कि तुमने भी शायद किसी को माफ नही किया था, शायद उसकी मां की बददुवाये मेरी दुवाओ से जययदा असर कर गयी।।